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जननायक जनता पार्टी : एक और बड़ा झटका लगा

हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (जजपा) को एक और बड़ा झटका लगा है। गुहला के विधायक ईश्वर सिंह के पार्टी छोड़ने के एक दिन बाद, अब जजपा के लोकसभा उम्मीदवार और शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष पाला राम सैनी ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पाला राम सैनी ने रविवार को एक निजी होटल में पत्रकार वार्ता के दौरान अपनी पार्टी छोड़ने की घोषणा की।
 
जननायक जनता पार्टी :  एक और बड़ा झटका लगा

Haryana News : हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (जजपा) को एक और बड़ा झटका लगा है। गुहला के विधायक ईश्वर सिंह के पार्टी छोड़ने के एक दिन बाद, अब जजपा के लोकसभा उम्मीदवार और शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष पाला राम सैनी ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पाला राम सैनी ने रविवार को एक निजी होटल में पत्रकार वार्ता के दौरान अपनी पार्टी छोड़ने की घोषणा की।

पाला राम सैनी का जजपा से इस्तीफा

पिछला राजनीतिक सफर: पाला राम सैनी ने पहले भाजपा को छोड़कर जजपा ज्वाइन की थी। अब वे एक बार फिर भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
पार्टी से इस्तीफे का कारण: सैनी ने जजपा के जिला अध्यक्ष रणदीप कौल और शहरी स्थानीय निकाय विभाग के जिला अध्यक्ष अनिल चौधरी पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव के दौरान उन्हें समर्थन नहीं मिला।
वित्तीय मुद्दे: उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए उन्हें महज साढ़े छह लाख रुपये दिए थे, जबकि पार्टी के कई नेताओं ने उन पर अधिक राशि लेने का आरोप लगाया था।

जजपा की स्थिति और चुनौतियाँ

जजपा के लिए यह कठिन समय है। हाल के महीनों में पार्टी के कई विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, जिनमें उकलाना से विधायक अनूप धानक, टोहाना से देवेंद्र बबली, गुहला चीका से ईश्वर सिंह और शाहबाद से रामकरण काला शामिल हैं। इन विधायकों ने भाजपा और कांग्रेस दोनों की ओर इशारा किया है।

पार्टी के बागी विधायकों की स्थिति

भाजपा के संपर्क में विधायक: जजपा के दो विधायक राम निवास सुरजाखेड़ा और जोगी राम सिहाग पहले से भाजपा के संपर्क में हैं।
लोकसभा चुनाव में भाजपा समर्थन: जोगी राम सिहाग और राम निवास ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में प्रचार किया था।

भविष्य की दिशा और संभावनाएँ

जजपा के भीतर इस समय बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है। विधायकों के इस्तीफे और बगावत ने पार्टी की स्थिति को कमजोर कर दिया है। इससे पहले, पार्टी के बागी विधायक भाजपा या कांग्रेस का दामन थामने की संभावना रख रहे हैं। विधानसभा चुनाव की तैयारी: हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकता है, खासकर जजपा के बगावती विधायकों की स्थिति को देखते हुए।

हरियाणा में जजपा को लगातार मिल रहे झटकों ने पार्टी की स्थिति को कठिन बना दिया है। पाला राम सैनी का इस्तीफा पार्टी के लिए एक और चुनौती है। आने वाले चुनावों में पार्टी की स्थिति और इसके प्रभावी फैसलों पर नजर रखना महत्वपूर्ण होगा।

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