हरियाणा से राज्यसभा चुनाव के लिए किरण चौधरी होंगी बीजेपी की उम्मीदवार
Haryana News : भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने हरियाणा में आगामी राज्यसभा उपचुनाव के लिए किरण चौधरी को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री अनिल विज ने इस बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है। आइए जानते हैं कि इस महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम पर क्या प्रतिक्रिया रही है और क्या-क्या महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं।
बीजेपी ने किरण चौधरी को क्यों चुना?
किरण चौधरी ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई थीं। वे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की बहू और भिवानी के तोशाम विधानसभा क्षेत्र से विधायक थीं।
विधायक पद से इस्तीफा:
किरण चौधरी ने हरियाणा विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने 20 अगस्त, 2024 से उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है, जिससे तोशाम विधानसभा क्षेत्र अब रिक्त हो गया है।
अनिल विज की प्रतिक्रिया:
पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि भाजपा विधायक दल की बैठक में किरण चौधरी के नाम पर मुहर लगाई गई है। उन्होंने यह भी पुष्टि की है कि किरण चौधरी कल सुबह राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगी।
राज्यसभा उपचुनाव की स्थिति
कुलदीप बिश्नोई और अन्य दावेदार:
भाजपा ने किरण चौधरी और पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई के नाम पर विचार किया था। इन दोनों प्रमुख दावेदारों के अलावा कई अन्य नेता भी इस सीट के लिए लाबिंग कर रहे थे।
दीपेंद्र हुड्डा का इस्तीफा:
रोहतक के कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के इस्तीफा देने के बाद यह सीट खाली हुई है। यह उपचुनाव हरियाणा में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना है, जिसका असर राज्य की राजनीति पर पड़ सकता है।
किरण चौधरी का राजनीतिक कैरियर
किरण चौधरी का राजनीतिक कैरियर बहुत ही प्रभावशाली रहा है। कांग्रेस में अपनी लंबी पारी के बाद भाजपा में शामिल होकर उन्होंने एक नई दिशा में कदम बढ़ाया है। उनकी उम्मीदवारी ने भाजपा की रणनीति को मजबूती प्रदान की है।
हरियाणा में राज्यसभा उपचुनाव के लिए किरण चौधरी को बीजेपी द्वारा उम्मीदवार बनाए जाने से राज्य की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है। उनके अनुभव और राजनीतिक पृष्ठभूमि को देखते हुए, उनकी उम्मीदवारी ने काफी ध्यान खींचा है। आने वाले दिनों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस उपचुनाव में किसकी जीत होती है और यह राज्य की राजनीति पर क्या असर डालता है।